Monday, October 17, 2011

जय बाबा विश्वकर्मा

एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसान बस में करले किस्मत
हा दोस्तों हम भी एक से एक मिलकर समाज में एक बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते है.
हम अपने प्रायशो से अपना और देश का और समाज का भला कर सकते है.
बस जरुरत है अपने अंदर की काबिलियत को पहचाने की और मिलजुल कर कदम बढाने की.
दोस्तों हम में से हर एक के अंदर कुछ खाश गुण और स्किल्स है .
आप सभी के सहयोग से विश्वकर्मा समाज एक एक करके २ हज़ार की संख्या पार कर चुके है
हमलोग सभी मिलकर प्रयाश करे तो अपने विश्वकर्मा समाज को सबसे ऊचाई पर पंहुचा सकते है.
vichar में kranti और फिर सामाजिक kranti ही हमारा मकसद है जिससे समाज की साडी बुराइयाँ दूर हो हो जाये और हम एक सभ्य, सामाजिक नागरिक बने.agar aap bhi is samazik kranti me bhagidar banna chahte hai to apna name address and apna skillset mujhe email kare

जय बाबा विश्वकर्मा

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